NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT HANUMAN CHALISA

Not known Factual Statements About hanuman chalisa

Not known Factual Statements About hanuman chalisa

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[Saba=all; sukha=happiness, pleasures; Lahai=remain; tumhari=in your; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be scared]

It can be stated without reservation that Tulsidas is the best poet to write while in the Hindi language. Tulsidas was a Brahmin by delivery and was believed being a reincarnation from the writer from the Sanskrit Ramayana, Valmiki.

नाली के कीड़े से ब्राह्मण कुमार तक - प्रेरक कहानी

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व्याख्या – रोग के नाश के लिये बहुत से साधन एवं औषधियाँ हैं। यहाँ रोग का मुख्य तात्पर्य भवरोग से तथा पीड़ा का तीनों तापों (दैहिक, दैविक, भौतिक) से है जिसका शमन श्री हनुमान जी के स्मरण मात्र से होता है। श्री हनुमान जी के स्मरण से निरोगता तथा निर्द्वन्द्वता प्राप्त होती है।

भावार्थ – हे नाथ श्री हनुमान जी ! तुलसीदास सदा–सर्वदा के लिये श्री हरि (भगवान् श्री राम) के सेवक है। ऐसा समझकर आप उनके हृदय–भवन में निवास कीजिये।

श्री हनुमान जी की महिमा अनिर्वचनीय है। अतः वाणी के द्वारा उसका वर्णन करना सम्भव नहीं।

व्याख्या — श्री हनुमान जी का नाम लेनेमात्र से भूत–पिशाच भाग जाते हैं तथा भूत–प्रेत आदि की बाधा मनुष्य के पास भी नहीं आ सकती। श्री हनुमान जी का नाम लेते ही सारे भय दूर हो जाते हैं।

व्याख्या – जन्म–मरण–यातना का अन्त अर्थात् भवबन्धन से छुटकारा परमात्म प्रभु ही करा सकते हैं। भगवान् श्री हनुमान read more जी के वश में हैं। अतः श्री हनुमान जी सम्पूर्ण संकट और पीड़ाओं को दूर करते हुए जन्म–मरण के बन्धन से मुक्त कराने में पूर्ण समर्थ हैं।

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तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।

व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।

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भावार्थ– आपने अत्यन्त लघु रूप धारण कर के माता सीता जी को दिखाया और अत्यन्त विकराल रूप धारण कर लंका नगरी को जलाया।

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